हम सभी ने बचपन से यही सुना है कि जैसे ही किसी दावा की एक्सपायरी डेट निकल जाती है, उसे तुरंत फेंक देना चाहिए. कहा जाता है कि एक्सपायरी डेट वो तारीख होती है जिसके बाद से कोई भी दवा असर करना बंद कर देती है. कुछ ऐसे भी लोग कहते हैं कि ये एक्सपायरी डेट सिर्फ एक वहम है और दो-तीन साल पुरानी दवाएं भी खा लेते हैं. दरअसल हममें से बहुतों को ठीक से पता नहीं है कि किसी भी दवा की एक्सपायरी का मतलब क्या होता है और एक्सपायरी के बाद उसे इस्तेमाल करना सही है या बिलकुल गलत.
दवा की एक्सपायरी डेट का क्या मतलब होता है?
सबसे पहले तो यही जानना जरूरी है कि असल में किसी दवा के एक्सपायर होने का क्या मतलब होता है. आप कोई भी दवा खरीदें या स्वास्थ्य से जुड़ा कोई भी पदार्थ, आपको उसमें दो तारीखें स्पष्ट नजर आएंगी. पहली उसकी मैन्युफैक्चारिंग डेट यानी वह तारिख जिस दिन यह दवा बनी थी और एक्सपायरी डेट यानी वह तारिख जिसके बाद से इस दवा के प्रभाव की गारंटी उसे बनाने वाली कंपनी नहीं लेगी.
अक्सर दवाएं किसी किस्म का केमिकल होती हैं. सभी केमिकल पदार्थों की यह विशेषता है कि समय बीतने के साथ उनका असर बदलता जाता है. ऐसा ही दवाओं के साथ भी होता है. हवा, नमी, गर्मी इत्यादि की वजह से कई बार समय बीतने के साथ दवाओं की प्रभावशीलता धीरे-धीरे घटने लगती है. इसी वजह से इसके साइड-इफेक्ट यानी दुष्परिणाम भी हो सकते हैं. इसीलिए दवा बनाने वाली सभी कंपनियां किसी भी कानूनी पचड़े से बचने के लिए अपने उत्पादों पर उनकी उपयोगिता खत्म होने की एक निर्धारित तारिख डाल देती हैं.
क्या एक्सपायर होते ही खराब हो जाती हैं दवाएं?
अमेरिका के मेडिकल संगठन AMA ने 2001 में एक जांच की. उन्होंने 122 अलग-अलग दवाइयों के 3000 बैच लिए और उनकी स्थिरता को जांचा. इस स्थिरता के आधार पर AMA ने करीब 88% दवाइयों की एक्सपायरी डेट करीब 66 महीने तक आगे बढ़ा दी. इसका मतलब साफ है कि अधिकतर दवाओं के कार्य करने की क्षमता उनपर छपी हुई एक्सपायरी डेट से बहुत अधिक होती है. जिन दवाओं की एक्सपायरी डेट AMA ने आगे बढ़ाई थी उनमें एमोक्सिसिलिन, सिप्रोफलोक्सेसिन, मोर्फिन सलफेट आदि शामिल थीं. हालांकि 18% दवाओं को उनकी एक्सपायरी के साथ ही फेंक दिया गया था.
क्या एक्सपायरी के बाद भी खाई जा सकती हैं दवाएं?
हालांकि इस बारे में बहुत अधिक जानकारी उपलब्ध नहीं है. लेकिन तथ्यों से यह समझ में आता है कि अगर कोई दवा टेबलेट या कैप्सूल के रूप में है तो उसका प्रभाव उसकी एक्सपायरी डेट के बाद अधिक दिनों तक रहेगा. लेकिन सिरप, आंख, कान में डालने वाले ड्रॉप और इंजेक्शन उनके एक्सपायर होने के बाद प्रयोग नहीं करने चाहिए.
एक्सपायर होते ही कौन सी दवाएं जहर हो जाती हैं?
मेडिकल एसोसिएशन द्वारा ऐसी कुछ दवाएं सुझाई गई हैं जिन्हें उनकी एक्सपायरी डेट के बाद बिलकुल भी इस्तेमाल नहीं करना चाहिए. ये दवाएं हैं:
इंसुलिन: डायबिटीज के मरीजों के लिए बेहद जरूरी यह दवा अपनी एक्सपायरी डेट के बाद खराब होने लगती है.
नाइट्रोग्लिसरीन: यह दवाई दिल के मरीजों को सीने में दर्द होने पर दी जाती है. जैसे ही इसे एक बार खोला गया, इसका प्रभाव बहुत जल्दी खत्म होने लगता है.
खून, वैक्सीन जैसी दवाइयां कभी भी निर्धारित समयावधि के बाद प्रयोग नहीं करनी चाहिए.
आंखों में डालने वाले ड्रॉप्स, या किसी अन्य दवा की बोतल में अगर आपको सफेद रुई जैसा तत्व नजर आए तो बेहतर है कि उसे फेंक ही दें.
जब ना समझ आए तो बेहतर है फेंक ही दें:
कई बार हम इंटरनेट पर पढ़कर खुद को डॉक्टर के बराबर समझने लगते हैं और बीमारी से जुड़े फैसले भी खुद ही लेने लगते हैं. लेकिन अगर आपको किसी भी दवा हो लेकर थोड़ा भी शक हो रहा हो, तो बेहतर होगा उसे फेंक ही दें. इससे पैसों का नुकसान भले ही होगा लेकिन आपकी और आपसे जुड़े लोगों की तबियत दुरुस्त रहेगी.