कमलेश तिवारी हत्याकांड मामले में अब तक 12 गिरफ्तारियां हो चुकी हैं. आरोपियों से पूछताछ करने पर कुछ अहम खुलासे हुए हैं. इस मामले में जो गिरफ्तारियां हुई हैं वो गुजरात, यूपी और महाराष्ट्र से हुई हैं.
कमलेश तिवारी की हत्या के बारे में 10- 20 नहीं बल्कि 50 से ज्यादा लोगों को हत्या की जानकारी पहले से थी. ये लोग गुजरात, महाराष्ट्र, यूपी और कर्नाटक से जुड़े हुए हैं. गिरफ्तार हुए आरोपियों ने पूछताछ के दौरान बताया कि इसमें से ज्यादातर गुपचुप तरीके से इस नेटवर्क के संपर्क में थे.
गिरफ्तार 12 में से छह पहले से ही साजिश का हिस्सा थे बाकी 6 लोग ऐसे हैं जो वारदात के बाद आरोपों की मदद के लिए उनसे जुड़े थे. कर्नाटक के मोहम्मद सादिक और तनवीर की गिरफ्तारी अभी बाकी है. तनवीर नेपाल का निवासी है.
तनवीर पर आरोप है कि 20 अक्टूबर को मोइनुद्दीन और अशफाक भागकर नेपाल पहुंचे तो तनवीर ने ही वहां उनके रुकने का इंतजाम करवाया था. इस मामले में यूपी और गुजरात एटीएस की पड़ताल में सूरत के कुछ नेताओं के नाम सामने आए हैं. जो अप्रत्यक्ष रूप से इस पूरे घटनाक्रम से जुड़े रहे उनके बारे में और भी जानकारियां जुटाई जा रही हैं.
18 अक्टूबर को लखनऊ के खुर्शेदबाग में हिंदू समाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष कमलेश तिवारी की की हत्या कर दी गई थी. गुजरात एटीएस ने साजिश रचने के आरोप में मौलाना मोहसिन शेख सलीम, रशीद अहमद पठान और फैजान को गिरफ्तार किया.
पूछताछ में हत्या करने वालों के नाम सूरत के ही रहने वाले अशफाक और मोइनुद्दीन के नाम सामने आए थे. गुजरात एटीएस ने 22 अक्टूबर को दोनों को गिरफ्तार कर लिया था. हत्यारोपियों की मदद के आरोप में नागपुर से आसिम, बरेली से मौलाना कैफी, नावेद, रईस, आसिफ और अब कामरान की गिरफ्तारी हुई है.
वहीं किरण तिवारी अपने पति की मौत की चल रही जांच से संतुष्ट नहीं है और इसलिए उन्होंने इस मामले की अब एनआईए जांच की मांग की है. उन्होंने रविवार को कहा, “मैं जांच से संतुष्ट नहीं हूं और एनआईए (राष्ट्रीय जांच एजेंसी) से इस पूरे मामले की जांच करवाने की मांग करती हूं.”