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कंपनियों का महंगाई से निपटने का प्लान: सामान की कीमत नहीं बढ़ाई लेकिन वजन घटाया

देश में महंगाई लगातार बढ़ रही है। खाने पीने के सामान से लेकर कपड़े और जुते तक लेना महंगा हो गया है। अप्रैल में रिटेल महंगाई दर 8 साल के उच्चतम स्तर पर पहुंचकर 7.79% हो गई है। लेकिन महंगाई की बढ़ने के बावजूद साबुन और कुकीज जैसे स्टेपल के सस्ते सिंगल-सर्विंग पैकेट की कीमत नहीं बढ़ रही है। ऐसा इसलिए क्योंकि कंपनियां इनका रेट बढ़ाने के बजाया पैकेट का वजन घटा रही है। यानी उतने ही रुपए में कम सामान दे रही है।

कीमत स्टेबल रखकर मात्रा बढ़ाई
एडिबल ऑइल, अनाज और फ्यूल की बढ़ती कीमतों के बीच यूनिलीवर, ब्रिटानिया इंडस्ट्रीज लिमिटेड और डाबर इंडिया लिमिटेड सहित अन्य कंपनियों ने अपने पैकेट्स की कीमत को स्टेबल रखकर उंदर रखे सामान की मात्रा को घटा दिया है। ऐसा सिर्फ भारत में ही नहीं हो रहा है। सबवे और डोमिनोज सहित अमेरिका की कई कंपनियों ने लागत कम करने के लिए सामान की मात्रा को कम किया है।

लगातार चौथे महीने महंगाई RBI की लिमिट के पार
अप्रैल में रिटेल महंगाई दर बढ़कर 7.79% पर पहुंच गई। यह लगातार चौथा महीना है, जब महंगाई दर RBI की 6% की ऊपरी लिमिट के पार रही है। फरवरी 2022 में रिटेल महंगाई दर 6.07%, जनवरी में 6.01% और मार्च में 6.95% दर्ज की गई थी। एक साल पहले अप्रैल 2021 में रिटेल महंगाई दर 4.23% थी।