अनादि न्यूज़ डॉट कॉम, नई दिल्ली। ‘हर घर तिरंगा’ अभियान के बीच एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने भारत की स्वतंत्रता में मुसलमानों की भूमिका के बारे में बात की और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधा। ओवैसी ने कहा, ‘देश की आजादी में योगदान देने वाले मुसलमानों को भी प्रधानमंत्री को याद रखना चाहिए। साथ ही उन्होंने गोडसे पर भी कटाक्ष किया और कहा, स्वतंत्रता के लिए जमीन हमारे स्वतंत्रता सेनानियों ने तैयार की थी, ना कि गोडसे ने।
ओवैसी ने कहा कि, काला पानी का पहला कैदी हैदराबादी-फजल-ए-हक खैराबादी था। मैं मुसलमानों से नफरत करने वालों से पूछता हूं- क्या आप जानते हैं कि माल्टा कहां है? शेख उल हिंद महमूद उल हसन को मक्का से गिरफ्तार किया गया था। वह तीन साल तक माल्टा जेल में रखा था। झांसी की रानी को याद किया जाता है लेकिन क्या आप जानते हैं कि खुदा बख्श (सेना प्रभारी) उनकी सेवा करते हुए शहीद हो गए थे।
ओवैसी ने कहा कि, एक महिला जो हमेशा झांसी की रानी के साथ थी और कोटा की लड़ाई के दौरान शहीद हो गई थी, उनका नाम मंजर था। वह भी एक मुस्लिम थीं। उन्होंने आगे कहा, ‘जो लोग तिरंगे की बात करते हैं। क्या वो भी बात करेंगे कि 6 दिसंबर को क्या हुआ और पिछले साल अगस्त में क्या हुआ? विभाजन के लिए मुसलमान जिम्मेदार नहीं हैं।
ओवैसी ने गोडसे को लेकर निशाना साधते हुए पूछा कि, कौन थे भटनिया अंसारी? वह महात्मा गांधी के लिए खाना बनाते थे। अंग्रेजों ने उन्हें महात्मा गांधी के भोजन में जहर देने के लिए कहा। लेकिन वह दौड़ता हुआ आया और गांधी को खाना नहीं खाने को कहा। लेकिन, आप देखिए कि वे लोग कौन थे जिन्होंने महात्मा गांधी को गोली मारी। उन्होंने आगे कहा, ‘भारत की आजादी के लिए शहीद हुए पहले पत्रकार मोहम्मद मौलवी बकर थे, उनकी हत्या अंग्रेजों ने की थी।
उन्होंने कहा कि, उमर सुभानी ने बापू को कोरा चेक दिया। दिल्ली में आजाद सम्मेलन का आयोजन करने वाले अल्लाह बख्श ने द्विराष्ट्र सिद्धांत को समाप्त कर दिया। उनकी सरकार हटा दी गई और सावरकर की महासभा और जिन्ना की मुस्लिम लीग ने सरकार बना ली।’ इसके अलावा ओवैसी ने एक चैलेंज देते हुए कहा- ‘मैं आपको चुनौती देता हूं कि 10 मिनट मेरा सामना करो, तुम भाग जाओगे। गोडसे ने आजादी का आधार नहीं बनाया है, सभी स्वतंत्रता सेनानियों ने इसे बनाया है।