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ओवैसी ने नकवी से पूछा- असम के बंगाली हिंदुओं को नागरिक बनाएंगे?

एजेंडा आजतक के सत्र ‘नागरिकता का धर्म’ में केंद्रीय अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी और AIMIM के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी के बीच तीखी बहस हुई. दोनों नेताओं ने नागरिकता संशोधन कानून और एनआरसी के मुद्दे पर पुरजोर तरीके से अपना पक्ष रखा. एक ओर नकवी ने इस कानून को लागू करने के पीछे सरकार की मंशा के बारे में बताया. वहीं, दूसरी ओर ओवैसी ने इसका विरोध करते हुए इनकी खामियों की सरकार का ध्यान खींचा.

‘सिर्फ मुस्लिमों पर चलेगा केस’

ओवैसी ने कहा कि असम में हिन्दू बंगाली को तो नागरिकता मिल जाएगी लेकिन 5 लाख मुस्लिम जिन्हें NRC में छोड़ा गया है उनके खिलाफ केस चलेंगे. ओवैसी ने कहा कि सरकार मजहब की बुनियाद पर कानून बनाकर मोहम्मद अली जिन्ना की रूह को खुशी पहुंचा रहे हैं. उन्होंने कहा कि शरण देने और नागरिकता देने में फर्क है और आप धर्म की बुनियाद पर नागरिकता देने जा रहे हैं, यह संविधान के खिलाफ है. अगर देना चाहते हैं तो दीर्घकालिक वीजा दीजिए. ओवैसी ने कहा कि सरकार कहती है कि देश में 1.26 लाख विदेशी हैं लेकिन 6 साल में सरकार सिर्फ 6 विदेशियों को वापस भेज पाई है.

नागरिकता के सवाल पर ओवैसी ने कहा कि क्या सरकार असम के 5.40 लाख बंगाली हिन्दुओं को देश के बाहर करेगी? उन्होंने नकवी से पूछा कि मुस्लिम को करिए तो साथ में बंगाली हिन्दुओं को भी सरकार देश से बाहर करे. ओवैसी ने कहा कि बंगाली हिन्दुओं पर इस कानून के मुताबिक केस खत्म हो जाएगा और उन्हें नागरिकता मिल जाएगी लेकिन मुसलमानों पर केस चलेगा. असम के एनआरसी में 5.40 बंगाली हिन्दू और 5 लाख बंगाली मुसलमान हैं लेकिन CAA में नागरिकता सिर्फ हिन्दुओं को मिलेगी. उन्होंने कहा कि नागरिकता कानून को एनआरसी के साथ देखना जरूरी है.

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बंगाली हिन्दुओं के सवाल पर बहस

ओवैसी ने कहा कि एनआरसी में छूटे बंगाली हिन्दुओं को क्या सरकार नागरिकता देगी. नकवी ने जवाब में कहा कि एनआरसी मोदी सरकार के आने से पहले शुरू हुआ है और अभी पहले चरण में है. उन्होंने कहा कि हिन्दुस्तान का कोई भी नागरिक जिसकी पुश्तें यहां रही हैं, उसकी नागरिकता पर सवाल न खड़ा हुआ है और न होगा, चाहे वह किसी भी मजहब का हो. हालांकि, नकवी ने बंगाली हिन्दुओं को लेकर साफतौर पर कोई जवाब नहीं दिया. इस पर ओवैसी ने कहा कि मुख्तार साहब आप डरते क्यों हैं, सीधे-सीधे जवाब दीजिए.

ओवैसी ने कहा कि सरकार चालाकी से पहले CAA लेकर आई और अब एनआरसी लाएगी जिससे गैर मुस्लिम को नागरिकता मिल जाएगी लेकिन मुस्लिमों पर केस चलेगा या उन्हें डिटेंसन कैंप में डाला जाएगा. नकवी ने कहा कि एनआरसी की प्रक्रिया अभी खत्म नहीं हुई है और विकल्प अब भी बचे हैं.