अनादि न्यूज़ डॉट कॉम, वाशिंगटन : बीते कुछ माह पहले अमेरिका के फ्लोरिडा प्रान्त के रहने वाले 14 वर्षीय सेबल सेटज़र ने अपने एआई चैटबॉट डैनी से प्यार में पड़कर आत्महत्या कर ली। वहीँ बेल्जियम के एक व्यक्ति जो दो बच्चों के पिता है, अपने अकेलेपन को कम करने उसने एआई कम्पैनियन एलिज़ा से रिश्ता जोड़ने के चलते खुदखुशी कर ली। जहाँ पर टेक कमपनीज़ यह क्लेम करती है की एआई उनके स्ट्रेस और एंक्सेटी को कम करने मदद करेगा, इसका असर उल्टा होते नज़र आरहा है। लोग इसे अपनी जान भी गवां रहे है।
जहाँ टेक कंपनी लोगों को यह बताने में समय बिता रही है कि, यह चैटबॉट सिर्फ कारोबारी टूल्स है वही लोग ज़्यादा मात्रा में इसके साथ अपनी भावनात्मक संबंध बनाने में समय बिता रहे हैं। मार्किट इंटेलिजेंस फर्म सेंसर टावर के वैशविक देता के अनुसार एक एप पर यूज़र्स ने चैटबॉट के साथ 93 मिनट बिताए। यानी इसका इस्तेमाल चैटजीपीटी से 8 गुना ज़्यादा होता हैं। यूज़र्स अपनी सुविधा के हिसाब से अपने कल्पना के अनुरूप इन चैटबॉट से वैसी सुविधा प्राप्त करते हैं।
इसमें कस्टमम्य्ज़शन का ऑप्शन भी मौजूद हैं। वहीँ प्रतिस्पर्धा कंपनी ने अपने यूज़र्स बेस को बढ़ाने के लिए एक शोध के ज़रिये उनकी चैट वरीयताओं कि स्टडी की। औसतन यूज़र्स ने एप पर 72 मिनट चैटबॉट के साथ बिताए। हाल ही में गूगल की पूर्व सहायक कंपनी डीपमाइंड के शोधकर्ताओं ने अपने रिसर्च पेपर में बताया की लोग चैटबॉट के साथ अपने विचार और भावनाएं साझा की , इसलिए उन्हें सामाजिक आलोचना की चिंता नहीं हैं। वहीँ गूगल के पूर्व सीईओ एरिक शिम्ट ने एआई आधारित ‘परफेक्ट गर्लफ्रेंड’ और ‘बॉयफ्रेंड’ के बढ़ते ट्रेंड को लेकर चिंता जताई थी। उन्होंने इसके बढ़ते इस्तेमाल को देखते हुए कहा की नव युवकों के लिए यह काफी खतरनाक साबित हो सकता हैं।