आज हम आपको महाभारत के काल से जुड़ी उस घटना से अवगत कराने जा रहे हैं, जिसके अंतर्गत आज हम आपको यह बताएंगे कि महाभारत में एक नहीं बल्कि 3 कृष्ण थे। दो असली और एक नकली।
1-पहले कृष्ण : महाभारत में पहले कृष्ण महर्षि वेदव्यास थे, जिन्होंने महाभारत की रचना की थी। इनकी माता का नाम सत्यवती और पिता का नाम महर्षि पाराशर था। इनका असली नाम श्रीकृष्ण द्वैपायन था। इस संबंध में दो कथाएं मिलती हैं। पहली यह कि इनका रंग सावंला था और इनका जन्म एक द्वीप पर हुआ था। इसीलिए इन्हें श्रीकृष्ण द्वैपायन कहा जाता है।
दूसरी यह कि जन्म लेते ही ये महर्षि युवा हो गए और तपस्या करने द्वैपायन द्वीप चले गए। तपस्या करने से वे काले हो गए। इसलिए उन्हें कृष्ण द्वैपायन कहा जाने लगा। वेदों का विभाग करने के करण वे वेदव्यास के नाम से प्रसिद्ध हुए।
2-दूसरे कृष्ण : महाभारत के दूसरे श्रीकृष्ण के बारे में तो सभी जानते हैं जिन्होंने हर समय पर पांडू पुत्रों पांडवों का साथ दिया और अर्जुन का सारथी बनकर कुरुक्षेत्र के युद्ध में उन्हें विजय दिलाई। वही महाभारत के महानायक थे।
3-तीसरे कृष्ण : महाभारत के इस तीसरे कृष्ण को नकली कृष्ण कहा जाता है। पुंड्र देश के राजा का नाम पौंड्रक था। बहुत समय तक श्रीकृष्ण उसकी बातों और हरकतों को नजरअंदाज करते रहे। युद्ध भूमि में श्री कृष्ण ने पौंड्रक का अपने सुदर्शन से वध कर दिया।