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अश्वगंधा के 11 जबरदस्त फायदे, जानें अश्वगंधा के फायदे नुकसान और सेवन विधि :

अनादि न्यूज़ डॉट कॉम, आयुर्वेद ज्ञानामृत सार: अश्वगंधा  या असगंध (Withania somnifera) एक पौधा (क्षुप) है। यह विदानिया कुल का पौधा है; विदानिया की विश्व में 10 तथा भारत में 2 प्रजातियाँ पायी जाती हैं।

भारत में पांरपरिक रूप से अश्वगंधा का उपयोग आयुर्वेदिक उपचार के लिए किया जाता है। इसके साथ-साथ इसे नकदी फसल के रूप में भी उगाया जाता है। इसकी ताजा पत्तियों तथा जड़ों में घोड़े की मूत्र की गंध आने के कारण ही इसका नाम अश्वगंधा पड़ा।

अश्वगंधा चूर्ण के फायदे :

1) 3 ग्राम अश्वगन्धा चूर्ण में 3-3 ग्राम मिश्री और घी मिलाकर तथा ऊपर से दूध में मिश्री मिलाकर पीने से अनिद्रा रोग दूर होकर गहरी (निद्रा आती है)।

2) अश्वगंधा और मिश्री 3-3 ग्राम दूध के साथ नित्य प्रति (लगातार) सेवन करने से कमजोरी दूर होकर सेवनकर्ता हष्ट-पुष्ट हो जाता है । उपर्युक्त योग को नित्य सेवन करने तथा भोजन में मात्र दूध लेने से ही मात्र 40 दिनों में धातुगत एवं शारीरिक दुर्बलता नि:सन्देह ही दूर हो जाती है तथा सेवनकर्ता वीर्यवान और शक्तिशाली हो जाता है ।

3) अश्वगंधा, चोबचीनी और आँवला सममात्रा में लेकर चूर्ण बनाकर 6-6 ग्राम की मात्रा में नित्य सुबह-शाम दूध या जल से सेवन करने से 7 से 14 दिनों में ही समस्त प्रकार की वात-व्याधियाँ (वायु, शरीर निर्बलता, रवत विकार) इत्यादि दूर हो जाती है ।

4) बालकों को अश्वगन्धा का चूर्ण 1-3 ग्राम की मात्रा में दूध के साथ देने से वह 1 महीने में ही सुन्दर, सुडौल और हष्ट-पुष्ट हो जाता है।

5) अश्वगन्धा वातनाशक, पौष्टिक और बाजीकरण गुणों से भरपूर है । इसके नित्य चूर्ण के सेवन से शारीरिक दर्द, शिथिलता, निर्बलता, हाथ-पैरों में जलन इत्यादि निःसन्देह दूर हो जाती है।

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6) अश्वगन्धा तनाव को कम करने में बेहद मददगार औषधि है। यह मस्तिष्क की कार्यक्षमता बढ़ाने में भी काफी मददगार है |

7) अश्वगन्धा चूर्ण 3 ग्राम, मिश्री 3 ग्राम तथा घी 10 ग्राम मिलाकर नित्य लगातार सेवन करने असाध्य गर्भाशय का रक्तस्राव भी रुक जाता है ।

8) बाल असमय सफेद होने के साथ ही झड़ने भी लगे हैं, तो आपको अश्वगंधा का 3-3 ग्राम दूध के साथ नित्य सेवन करना चाहिए। इससे आपकी समस्या का जरूर समाधान हो जाएगा।

9) ashwagandha benefits for height – कद बढ़ाने के लिए अश्वगंधा चूर्ण का एक चम्मच गाय के दूध के साथ मिश्री मिलाकर रोज रात्रि में सोने से पहले लेना चाहिए|

10) असगंध और सोंठ बराबर मात्रा में लेकर इनका चूर्ण बना लें। इसमें से आधा चम्मच चूर्ण सुबह-शाम पानी के साथ सेवन करें। इससे कमर दर्द से आराम मिलता है।

11) अश्वगन्धा नागौरी का चूर्ण 1 से 3 ग्राम शहद एवं मिश्री मिले दूध के साथ सुबह-शाम खाने से हड्डी की कमजोरी दूर होकर शरीर पुष्ट और सबल हो जाता है।

अश्वगंधा का सेवन कैसे करें : Ashwagandha ka upyog kaise kare

<> अश्वगंधा को कैसे खाये ये इस बात पर निर्भर करता है की किस रोग के इलाज के लिए आप इसका सेवन करना चाहते है व आप की उम्र क्या है। बड़ों के मुकाबले बच्चों के लिए इसकी मात्रा कम होती है।

<> अच्छी सेहत पाने के लिए अश्वगन्धा चूर्ण को 2 से 5 ग्राम तक प्रतिदिन ले सकते है।

<> किसी रोग के उपचार के लिए अगर आप इसका उपयोग करना चाहते है तो अश्वगंधा को खाने का तरीका उस रोग से जुड़े लेख में जाने।

अश्वगंधा के नुकसान : Ashwagandha ke nuksan

<> यदि आपके पेट में उलसर हो या आपको अश्वगंधा से एलर्जी हो तब आपको इस्तेमाल से बचना चाहिये |

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<> अश्वगंधा का अधिक मात्रा में सेवन आपको फायदा की बजाय नुकसान कर सकता है, जैसे की दस्त लगना, पेट मे गैस बनना और उल्टी आना आदि ।

विशेष : ” अश्वगंधा चूर्ण ” एक बलवर्धक व पुष्टीदायक श्रेष्ट रसायन है यह मधुर व स्निग्ध होने के कारण वात शमन करने वाला एवं रस-रक्तादी सप्तधातुओं का पोषण करने वाला है । इससे विशेषतः मांस व शुक्रधातु की वृद्धि होती है । यह शक्तिवर्धक, वीर्यवर्धक,स्नायु और मांसपेशियों को ताकत देनेवाला व कद बढ़ाने वाला एक पौष्टिक रसायन है । धातु की कमजोरी, शारीरिक-मानसिक कमजोरी आदि में लाभदायक है ।बालकों के सर्वांगीन विकास के लिए यह वरदानस्वरूप है।