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अयोध्या पर फैसले से पहले संघ का मुस्लिमों के बीच संपर्क अभियान

अयोध्या राम जन्मभूमि पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले से पहले राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ(आरएसएस) ने संपर्क अभियान शुरू किया है। मुस्लिम धर्मगुरुओं के साथ बैठकों का मकसद है कि फैसला कुछ भी आए, सांप्रदायिक सौहार्द्र नहीं बिगड़ना चाहिए। संघ के शीर्ष नेतृत्व की ओर से ऐसी एक दर्जन बैठकें करने की तैयारी है। संघ हर प्रांत में भी इस तरह की बैठकें कर रहा है, जिसमें संघ और भाजपा नेताओं के साथ मुस्लिम धर्मगुरु और कौम की अन्य हस्तियां भाग ले रही हैं। इसी कड़ी में अल्पसंख्यक कार्य मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी के आवास पर मंगलवार को संघ नेताओं की मुस्लिम धर्मगुरुओं के साथ बैठक हुई। संघ की तरफ से सह सरकार्यवाह डॉ. कृष्ण गोपाल, संघ के सह संपर्क प्रमुख और भाजपा के पूर्व संगठन महामंत्री रामलाल, अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख अरुण कुमार इस बैठक में उपस्थित हुए। इस बैठक में मुस्लिम धर्मगुरुओं के अतिरिक्त फिल्मकार मुजफ्फर अली, भाजपा नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री शाहनवाज हुसैन भी मौजूद रहे।

इस बैठक में कहा गया कि फैसला जो भी आए, उसे देश और समाज के हित में सभी वर्गों को स्वीकार करना चाहिए।

सूत्रों के अनुसार, मुस्लिमों में प्रभाव रखने वाले धर्मगुरुओं और अन्य हस्तियों के साथ संघ की ऐसी कई मीटिंग देश भर में चल रहीं हैं। प्रचारकों के स्तर पर अपने-अपने केंद्र में इस तरह की समन्वय मीटिंग कर सांप्रदायिक सौहार्द्र बनाए रखने की दिशा में काम किया जा रहा है। मुस्लिम धर्मगुरुओं और अन्य हस्तियों के साथ मीटिंग के पीछे उद्देश्य है कि इनके जरिए पूरी कौम को संदेश भेजा जाए कि मंदिर के पक्ष में अगर फैसला आए तो वे प्रतिक्रिया व्यक्त करने की जगह उसे स्वीकार करें। इसी तरह संघ की ओर से हिंदू संगठनों के कार्यकर्ताओं को भी संदेश दिया जा रहा कि वे फैसले पर किसी तरह का सवाल खड़ा करने की जगह उसे स्वीकार करें।

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