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अयोध्या की वो राजकुमारी, जो कोरिया के राजा से शादी कर बन गई थी वहां की महारानी

अयोध्या से लेकर भगवान राम और उनसे जुड़ी कई बातें आप जानते होंगे, लेकिन क्या आप अयोध्या की एक ऐसी राजकुमारी के बारे में जानते हैं कि जो कोरिया की महारानी बन गई थी? आपको यह बात थोड़ी अजीब लग रही होगी, लेकिन यह बिल्कुल सच है, जिसे दक्षिण कोरिया के लोग भी मानते हैं और वो अक्सर अयोध्या आते रहते हैं।

अयोध्या में सरयू नदी के किनारे कोरिया की उस महारानी का स्मारक भी है, जो कभी यहां की राजकुमारी थीं। उस महारानी का नाम है हियो ह्वांग-ओक, जो प्राचीन कोरियाई राज्य कारक के संस्थापक राजा किम सू-रो की भारतीय पत्नी थीं।

अयोध्या की इस राजकुमारी को सुरीरत्ना के नाम से भी जाना जाता है। कोरिया के इतिहास के मुताबिक, महारानी हियो ह्वांग-ओक यानी राजकुमारी सुरीरत्ना भारत से दक्षिण कोरिया के ग्योंगसांग प्रांत के
किमहये शहर गई थीं और वहीं की होकर रह गईं।

चीनी भाषा में दर्ज दस्तावेज सामगुक युसा के मुताबिक, ईश्वर ने अयोध्या की राजकुमारी के पिता को स्वप्न में आकर ये निर्देश दिया था कि वो अपनी बेटी को राजा किम सू-रो से विवाह करने के लिए किमहये शहर भेजें। इसके बाद उनके पिता ने उन्हें राजा सू-रो के पास जाने को कहा। लगभग दो महीने की समुद्री यात्रा के बाद राजकुमारी कोरिया के राजा के पास पहुंच गईं। सामगुक युसा में कहा गया है कि उस समय राजकुमारी की उम्र 16 वर्ष थी, जब उनकी शादी राजा किम सू-रो से हुई थी और उसके बाद वो कोरिया की महारानी बन गईं।

कहा जाता है कि महारानी हियो ह्वांग-ओक और राजा किम सू-रो के कुल 12 बच्चे थे। आज कोरिया में कारक गोत्र के तकरीबन 60 लाख लोग खुद को राजा किम सू-रो और अयोध्या की राजकुमारी के वंश का बताते हैं।

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रिपोर्ट के मुताबिक, दक्षिण कोरिया के पूर्व राष्ट्रपति किम डेई जंग और पूर्व प्रधानमंत्री हियो जियोंग और जोंग पिल-किम भी कारक वंश से ही आते थे। इस वंश के लोगों ने उन पत्थरों को आजतक संभाल कर रखा है, जिनके बारे में माना जाता है कि अयोध्या की राजकुमारी अपनी समुद्री यात्रा के दौरान नाव को संतुलित रखने के लिए साथ लाई थीं। किमहये शहर में उनकी एक बड़ी प्रतिमा भी है।

कहा जाता है कि अयोध्या की इस राजकुमारी का मृत्यु 157 साल की उम्र में हुई थी। दक्षिण कोरिया में राजकुमारी की जो कब्र है, उसके बारे में भी कहा जाता है कि इसपर लगा पत्थर अयोध्या से ही गया था। रिपोर्ट्स के मुताबिक, हर साल सैकड़ों दक्षिण कोरियाई अपनी पौराणिक महारानी हियो ह्वांग-ओक को श्रद्धांजलि देने के लिए भगवान राम की जन्मभूमि अयोध्या का दौरा करते हैं।