अनादि न्यूज़ डॉट कॉम, नई दिल्ली : अगले वर्ष मई से उत्तराखंड से कैलाश मानसरोवर की यात्रा फिर से प्रारंभ हो सकती है। भारत और चीन के बीच अनबन ख़त्म होने के बाद यह फैसला लिया गया है। पहले यह रास्ता काफी जोखिम भरा था और 80 किमी का सफर था। लेकिन अब इस रास्ते को नए तरीके से बनाया जा रहा है, जहाँ पहले इस रुट से यात्रियों को सफर करने में 22 दिन लगते थे, नए रुट से अब यह घटकर 16 दिन में सफर हो जाएगा।
इसमें आने-जाने को मिलाकर 16 दिन में सफर होगा। पहले पिथौरागढ़ से ट्रैकिंग कर लिपुलेख दर्रा तक आने-जाने में 12 दिन लग जाते थे, बाकि 10 दिन तिब्बत में बीतते थे। लेकिन अब यात्रियों को 6 दिन उत्तराखंड और 10 दिन तिब्बत में बिताने होंगे। मंत्रालय से मिले सूत्रों के मुताबिक पिथौरागढ़ से धारचूला से यात्री पहले दिन छह घंटे में बुधि गांव पहुंचेंगे। यहाँ रात बिताएंगे। अगले दिन तीन घंटे में गुंजी पहुंचकर रुकेंगे। तीसरे दिन लिपुलेख होकर चीन सीमा पार कर लेंगे। चीन में 80 किमी वहां यात्रा के बाद कुगु पहुंचेगे और फिर मानसरोवर झील पहुँच जाएंगे।