‘अब हमें इतिहास की ‘गलतियों’ को सुधारने से कौन रोकता है?’ अमित शाह बोले-‘मैं इतिहास का छात्र हूं
Amit Shah on Correcting History: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने इतिहासकारों को भारतीय संदर्भ में इतिहास को फिर से लिखने की बात कही है। अमित शाह ने आश्वासन दिया है कि सरकार उनके कोशिशों को पूरा समर्थन देगी। अमित शाह ने असम सरकार के एक समारोह में कहा, “मैं इतिहास का छात्र हूं और मैंने कई बार सुना है कि हमारे इतिहास को ठीक से प्रस्तुत नहीं किया गया है और तोड़-मोड़कर पेश की गई है। शायद यही सही है, लेकिन अब हमें इसे ठीक करने की जरूरत है।”
17वीं सदी के अहोम जनरल लचित बरफुकन की 400वीं जयंती के तीन दिवसीय समारोह के दूसरे दिन अमित शाह ने कहा, ”मैं आपसे पूछता हूं, हमें इतिहास को ठीक से और शानदार तरीके से पेश करने से कौन रोक रहा है।” अमित शाह ने कहा, ”मैं यहां बैठे सभी छात्रों और विश्वविद्यालय के प्रोफेसरों से अनुरोध करता हूं कि हम जो इतिहास सही से नहीं है और 30 राजवंशों पर शोध करने का प्रयास करें, जिन्होंने देश में कहीं भी 150 वर्षों तक शासन किया और 300 प्रतिष्ठित व्यक्तित्व जिन्होंने स्वतंत्रता के लिए संघर्ष किया। उनके बारे में आप लिखने की कोशिश कीजिए। अभी तक झूठी कथा का प्रचार किया जा रहा है।”
अमित शाह ने विज्ञान भवन में मौजूद इतिहासकारों और छात्रों को भी आश्वासन दिया कि केंद्र उनके शोध का समर्थन करेगा। उन्होंने कहा, “आगे आइए, शोध कीजिए और इतिहास को फिर से लिखिए। इस तरह हम आने वाली पीढ़ी को भी प्रेरित कर सकते हैं।” अमित शाह ने यह भी कहा कि लोगों के व्यापक लाभ के लिए इतिहास के पाठ्यक्रम को फिर से देखने का समय आ गया है। अमित शाह ने इस दौरान एक वृत्तचित्र का भी उद्घाटन किया।
अमित शाह ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पूर्वोत्तर और शेष भारत के बीच की खाई को भर दिया है। उन्होंने कहा कि सरकार के प्रयासों से पूर्वोत्तर में शांति स्थापित हुई है। अमित शाह ने असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा से भी अपील की है कि लचित बरफुकन पर पुस्तकों का कम से कम 10 भाषाओं में अनुवाद किया जाए। देश के लोगों को लचित की वीरता के बारे में पता होना चाहिए।