अनादि न्यूज़ डॉट कॉम, धर्म-दर्शन। कार्तिक शुल्क पक्ष की नवमी को अक्षय नवमी, धात्री या आंवला नवमी के नाम से जाना जाता है। इस वर्ष अक्षय नवमी दो नवंबर को है। स्वास्तिक ज्योतिष केंद्र के ज्योतिषाचार्य एसएस नागपाल ने बताया कि नवमी तिथि एक नवंबर की रात 01:08 बजे से शुरू होकर दो नवंबर की रात 10:53 बजे तक रहेगी। इस दिन सर्वदोष नाशक रवि योग भी है। मान्यता है कि इस दिन द्वापर युग की शुरुआत हुई थी।
इस दिन व्रत रखकर भगवान विष्णु का ध्यान करके आंवले के पेड़ की अक्षत्र, पुष्प, चंदन आदि से कच्चा धागा बांध कर सात बार परिक्रमा की जाती है। उत्थान ज्योतिष संस्थान के ज्योतिषाचार्य पं. दिवाकर त्रिपाठी पूर्वांचली ने बताया कि मान्यताओं के अनुसार पृथ्वी लोक में इस नवमी पर लक्ष्मी माता ने भगवान विष्णु की उपासना आंवले के रूप में की थी। इस दिन आंवले के पेड़ के नीचे भोजन करने का भी महत्व है। आंवला वृक्ष के पूजन का शुभ मुहूर्त प्रात 06;16 से दिन 11;50 बजे तक है। लोग इस दिन असत्य पर सत्य की विजय के रूप में मथुरा वृंदावन की परिक्रमा करते हैं।