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अंबिकापुर/बिश्रामपुर, 27 करोड़ रुपये लागत से निर्मित रेहर एनीकट ध्वस्त होने की कगार पर पंहुचा रेहर एनीकट चढ़ा भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ा

अनादि न्यूज़ डॉट कॉम, अंबिकापुर /बिश्रामपुर । निर्माण के शुरुआती दौर से ही भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ा इलाके का 27 करोड़ रुपये लागत से निर्मित रेहर एनीकट पिछले तीन दिनों से हो रही झमाझम बारिश में ध्वस्त होने की कगार पर पहुंच गया है। एनीकट के ब्रिज का बीचोबीच दो स्लैब क्षतिग्रस्त होकर गिरने की स्थिति में है। जानकारी मिलते ही सुरजपुर कलेक्टर ने प्रशासनिक अमले के साथ शुक्रवार को एनीकट पहुंचकर स्थिति का अवलोकन कर संबंधित अधिकारी को आवश्यक दिशा निर्देश दिए।

बता दें कि करीब चार साल पूर्व 27 करोड़ रुपये लागत से रेण नदी में बनकर तैयार रेहर एनीकट व व्यपवर्तन योजना के गुणवत्ता की पोल शुरुआती दौर से ही खुलने लगी थी। करीब डेढ़ वर्ष पूर्व रेहर एनीकट के पांच नंबर पियर (पिलर) बड़ी दरार के साथ छतिग्रस्त हो गया था। वहीं एनीकट के पांच व छह नंबर गेट का फ्लोर ध्वस्त होने के कारण गेट बंद होने के बाद भी नदी का पानी फ्लोर के नीचे से बह रहा है। इस कारण बरसात के अलावा अन्य सीजन में नदी में पानी का ठहराव नहीं होने से आसपास के किसान परेशान रहते हैं। रेहर एनीकट के दो गेटों के बीच का करीब 25 फीट अप एवं डाउन स्ट्रीम एक साल पहले क्षतिग्रस्त हुआ था। इसे जल संसाधन विभाग द्वारा आनन-फानन में मरम्मत कराकर मामले में लीपापोती कर दी थी। नगर से तीन किलोमीटर दूर सतपता व डेडरी गांव के बीच से गुजरी रेण नदी में करीब चार वर्ष पूर्व निर्धारित समय सीमा से आठ वर्ष बाद बनकर तैयार रेहर एनीक्ट व व्यपवर्तन योजना शुरू से ही विवादों में रही है। निर्माण कार्य में भ्रष्टाचार को लेकर जल संसाधन विभाग के कई अधिकारियों को निलंबित भी किया जा चुका है।

इस परियोजना के निर्माण कार्य का भूमिपूजन जनवरी 2003 में तत्कालीन मुख्यमंत्री डा. रमन सिंह ने किया था। 12 जून 2004 को सरगुजा विकास प्राधिकरण की बैठक में जिले के ग्राम सुंदरपुर के नजदीक छत्तीसगढ़ राज्य विद्युत मंडल द्वारा प्रस्तावित थर्मल पावर प्लांट के लिए जल प्रदाय हेतु वाटर हार्वेस्टिंग स्ट्रक्चर के निर्माण का निर्णय लिया गया था। इसके परिपालन में उक्तस्थल पर रेण नदी एवं इसकी सहायक ट्रिब्यूटरी पर छह नग वाटर हार्वेस्टिंग स्ट्रक्चर प्रस्तावित किए गए थे। उनमें रेहर एनिकट भी एक था। प्रशासकीय स्वीकृति विलंब से मिलने के कारण एनीकट का कार्य वर्ष 2009 में प्रारंभ किया गया था। इसे वर्ष 2011 में पूर्ण किया जाना निर्धारित था। निर्माण के दौरान भुगतान में गड़बड़ी एवं समय सीमा पर एनीकट निर्माण पूर्ण नहीं कराने को लेकर वर्ष 2015 में शासन द्वारा जल संसाधन विभाग के तत्कालीन कार्यपालन अभियंता जेपी पांडेय समेत प्रभारी एसडीओ एसके तिवारी व उप अभियंता एसआर चतुर्वेदी को निलंबित भी किया गया था। विभागीय उदासीनता से करीब चार साल पूर्व ही इस एनीकट का निर्माण कार्य पूर्ण किया जा सका था।

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पूर्व में कर दी गई थी लीपापोती-

दो साल जून माह में बरसात के सीजन में उक्त एनीकट के दो गेटों के बीच का 25 फीट अप व डाउन स्ट्रीम के क्षतिग्रत होने पर जल संसाधन विभाग ने आनन फानन में ठेकेदार से अप व डाउन स्ट्रीम की मरम्मत कर मामले में लीपापोती कर दी गई थी। ठेकेदार एवं निर्माण कार्य का सुपरविजन करने वाले अधिकारियों के खिलाफ कोई कार्यवाही नहीं की गई थी। उसके बाद साल भर पूर्व 5 नंबर पियर क्षतिग्रस्त होने के मामले में भी लीपापोती किये जाने बात सामने आने से शासन और सरकार की भूमिका भी सवालों के घेरे में है।

धराशाई हो सकता है रेहर एनीकट

साल भर पूर्व रेहर एनीकट का पांच नंबर मोटा पिलर क्षतिग्रत होने के बाद अब एनीकट के ब्रिज का दो भारी भरकम स्लैब क्षतिग्रस्त होने के कारण एनीकट का भारी भरकम लोहे का गेट स्ट्रक्चर के कभी भी धराशायी होने की आशंका बढ़ गई है। कई स्थानों पर बड़ी-बड़ी दरारें आ गई है। पांच नंबर गेट के पिलर से गेट स्ट्रक्चर के ऊपर हिस्से को जोड़ने वाला लोहे का पिलर भी छटकने के बाद स्ट्रक्चर का कुछ हिस्सा विभाग द्वारा निकाल कर अनियंत्रित रखवाया गया है। इन घटनाओं के बाद भी संबंधित विभाग की उदासीनता की वजह से कभी भी 27 करोड़ों रुपए की लागत से बने इस विशालकाय एनीकट के कभी भी धराशाई होने की आशंका से नकारा नहीं जा सकता है।

कलेक्टर पहुंचे एनीकट का जायजा लेने-

एनीकट के ब्रिज के भारी-भरकम दो स्लैब के क्षतिग्रस्त होने की जानकारी मिलते ही शुक्रवार को सूरजपुर कलेक्टर संजय अग्रवाल एसडीएम रवि सिंह एवं जल संसाधन संभाग सूरजपुर के कार्यपालन अभियंता चंद्रभानू ध्रुव के साथ रेहर एनिकट पहुंचे। जहां उन्होंने एनीकट ब्रिज के क्षतिग्रस्त हिस्से का निरीक्षण किया। स्थिति को भापते हुए उन्होंने कार्यपालन अभियंता को एनीकट ब्रिज से ग्रामीणों की आवाजाही को तत्काल बंद करने का निर्देश दिया। इसके साथ ही सुधार कार्य एवं दुरुस्तीकरण कार्य को लेकर कार्यपालन अभियंता को आवश्यक दिशा निर्देश दिए।

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इनका कहना

वास्तव में रेहर एनीकट की स्थिति खतरनाक हो गई है। सुरक्षा के लिहाज से एनीकट के भारी-भरकम लोहे के स्ट्रक्चर को पृथक करने की योजना बनाई जा रही है। एनीकट के क्षतिग्रस्त हिस्से को ध्वस्त कर नवीन निर्माण कराया जाएगा। फिलहाल एनीकट ब्रिज से ग्रामीणों की आवाजाही बाधित की जाएगी। इस मामले में जांच कर दोषियों के विरुद्ध वैधानिक कार्रवाई की जाएगी।

चंद्रभानु ध्रुव

कार्यपालन अभियंता, जल संसाधन, संभाग सूरजपुर