सुप्रीम कोर्ट राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद जमीन मामले में फैसला सुना रहा है. देश के साथ-साथ दुनियाभर की नजरें इस फैसले पर टिकी हैं. सुप्रीम कोर्ट में अयोध्या भूमि विवाद पर 40 दिन तक सुनवाई चली. इसके बाद 16 अक्टूबर को कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया था. ये फैसला 2010 में इलाहबाद हाईकोर्ट के फैसले से जुड़ी 14 अपीलों पर आएगा. इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 2.77 एकड़ विवादित जमीन को तीन हिस्सों में बांटने का फैसला सुनाया था.
चीफ जस्टिस रंजन गोगोई सुप्रीम कोर्ट पहुंचे
चीफ जस्टिस रंजन गोगोई सुप्रीम कोर्ट पहुंच गए हैं. वो अयोध्या मामले पर फैसला सुनाने वाली पांच जजों की संविधान पीठ की अगुवाई कर रहे हैं.
संविधान पीठ ने फैसला सुनाना शुरू किया
बार एंड बेंच के मुताबिक अयोध्या मसले की सुनवाई करने वाली संविधान पीठ ने फैसला सुनाना शुरू कर दिया है. चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने सबको शांत रहने को कहा है.
फैसले पर दस्तख्त कर रहे हैं जज
बार एंड बेंच के मुताबिक संविधान पीठ में शामिल सभी जज फैसले पर दस्तख्त कर रहे हैं.
एकमत से फैसला
अयोध्या का जजमेंट एकराय से होगा और जज करीब आधे घंटे तक फैसला सुनाएंगे.
शिया वक्फ बोर्ड की याचिका खारिज
एएनआई के मुताबिक चीफ जस्टिस ने कहा कि उन्होंने शिया वक्फ बोर्ड की विशेष अनुमति याचिका खारिज कर दी है. इसमें 1946 के फैजाबाद कोर्ट के फैसले को चुनौती दी गई थी.
सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि कोर्ट को संतुलन बनाए रखना चाहिए. कोर्ट ने कहा कि मस्जिद का निर्माण बाबर के आदेश पर मीर बाकी ने किया था. जबकि वहां मूर्तियां 1949 में रखी गई थी.
विवादित जमीन सरकार की
पीटीआई के मुताबिक सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि विवादित जमीन रेवन्यू रिकॉर्ड में सरकार की जमीन है.