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धर्म - ज्योतिष

वैशाख पूर्णिमा को हुई थी भगवान बुद्ध को बुद्धत्व की प्राप्ति

रायपुर। बुद्ध पूर्णिमा वैशाख मास की पूर्णिमा को मनाई जाती है। इसी दिन भगवान बुद्ध को बुद्धत्व की प्राप्ति हुई थी बुद्ध पूर्णिमा के दिन दान, पुण्य और धर्म-कर्म के अनेक कार्य किए जाते हैं। यह स्नान लाभ की दृष्टि से अंतिम पर्व है। इस दिन मिष्ठान, सत्तू, जलपात्र, वस्त्र दान करने तथा पितरों का तर्पण करने से बहुत पुण्य की प्राप्ति होती है। इस दिन सत्य विनायक पूर्णिमा भी मनायी जाती है। भगवान श्रीकृष्ण के बचपन के दरिद्र मित्र ब्राह्मण सुदामा जब द्वारिका उनके पास मिलने पहुंचे तो श्रीकृष्ण ने उनको सत्यविनायक व्रत का विधान बताया। इसी व्रत के प्रभाव से सुदामा की सारी दरिद्रता जाती रही तथा वह सर्वसुख सम्पन्न और ऐश्वर्यशाली हो गया। इस दिन धर्मराज की पूजा करने का विधान है। इस व्रत से धर्मराज की प्रसन्नता प्राप्त होती है और अकाल मृत्यु का भय नहीं रहता।

बोधिवृक्ष की पूजा की जाती है. उसकी शाखाओं पर हार व रंगीन पताकाएँ सजाई जाती हैं। जड़ों में दूध व सुगंधित पानी डाला जाता है. वृक्ष के आसपास दीपक जलाए जाते हैं।
. इस दिन मांसाहार का परहेज होता है क्योंकि बुद्ध पशु हिंसा के विरोधी थे।
. इस दिन किए गए अच्छे कार्यों से पुण्य की प्राप्ति होती है।
. पक्षियों को पिंजरे से मुक्त कर खुले आकाश में छोड़ा जाता है।
. गरीबों को भोजन व वस्त्र दिए जाते हैं।
. इस दिन पूजा से मानसिक कष्ट और भटकाव से राहत मिलती है।