विदेश से धन भेजने के मामले में भारतीय नागरिक सबसे आगे हैं। यूएन की रिपोर्ट के मुताबिक 2018 में विदेश में रहने वाले भारतीयों ने करीब 5.5 लाख करोड़ की रकम अपने घर भेजी है। इस मामले में चीन दूसरे पायदान पर है। भारत को पिछले कुछ वर्षों में सबसे ज्यादा विदेशी धन 2018 में ही मिला है। संयुक्त राष्ट्र की संस्था इंटरनेशनल ऑर्गेनाइजेशन फॉर माइग्रेशन (आईओएम) की रिपोर्ट में कहा गया है कि विदेश में रहने वाले भारतीय अपने देश की सबसे ज्यादा मदद करते हैं। 2018 में भारतीयों ने कुल 78.6 अरब डॉलर यानी करीब 5.5 लाख करोड़ रुपये अपने देश मैं भेजे हैं। रिपोर्ट के अनुसार, विदेश में करीब 1.75 करोड़ भारतीय रहते हैं। ऐसे में हर भारतीय ने औसतन 3.15 लाख रुपये अपने घर भेजे हैं। इससे पहले 2017 में भारत को 65.3 अरब डॉलर और 2016 में 62.7 अरब डॉलर की राशि प्राप्त हुई थी।
दुनिया में भारत की हिस्सेदारी 14 फीसदी
रिपोर्ट में कहा गया है कि दुनियाभर में 2018 में विदेश से भेजे गए कुल धन में भारत की हिस्सेदारी 14 फीसदी रही। इस दौरान दुनियाभर के देशों ने करीब 689 अरब डॉलर का विदेशी धन अर्जित किया, जो 2017 में 633 अरब डॉलर रहा था। रिपोर्ट के अनुसार, पिछले साल केरल में आई बाढ़ की वजह से भारतीयों ने मदद के रूप में सबसे ज्यादा धन विदेश से भेजा गया। यही कारण है कि 2017 के मुकाबले 14 फीसदी ज्यादा विदेशी धन जुटाने में मदद मिली। गौरतलब है कि 2010 से 2015 के बीच भारत ने सबसे ज्यादा विदेशी धन अर्जित किया था। 2010 में यह राशि 53.48 अरब डॉलर थी, जो 2015 में बढ़कर 68.91 अरब डॉलर हो गई। इस दौरान करीब 29 फीसदी का उछाल आया।
एफडीआई से दोगुना रहा रेमिटेंस
भारत को विदेश से मिला कुल धन (रेमिटेंस) 2018 में आए प्रत्यक्ष विदेशी निवेश के मुकाबले दोगुने से भी ज्यादा है। भारत में 2018 में कुल एफडीआई 38 अरब डॉलर रहा था, जबकि रेमिटेंस 79 अरब डॉलर के करीब रहा। इस मामले में भारत चीन से भी आगे निकल गया, क्योंकि पिछले साल चीन को 32 अरब डॉलर का प्रत्यक्ष विदेशी निवेश मिला था। रिपोर्ट में कहा गया है कि सुस्ती की मार झेल रही भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए इतनी बड़ी मात्रा में विदेशी पूंजी मिलना राहत की बात है।
गरीब देशों में बढ़ रहा विदेशी धन
निम्म और मध्य आय वर्ग वाले देशों में विदेशी धन की आवक बढ़ी है। 2017 में ऐसे देशों को कुल 483 अरब डॉलर की विदेशी पूंजी मिली थी, जो 2018 में बढ़कर 529 अरब डॉलर हो गई। इस दौरान करीब 9.6 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज की गई है। रिपोर्ट के अनुसार, पिछले साल भारत के बाद चीन को 67 अरब डॉलर, मैक्सिको को 36 अरब डॉलर, फिलीपींस को 34 अरब डॉलर और इजिप्ट को 29 अरब डॉलर का विदेशी धन मिला है।