राजधानी रायपुर के बीचों-बीच एक ऐसा गार्डन है, जो पूरी तरह से औषधियों से भरा पटा है। यहां लगे तमाम पौधे और पेड़ औषधिययुक्त हैं। 12 एकड़ पर फैला यह हर्बल ऑक्सीजन का मैन मेड प्लांट शहर के आयुर्वेदिक कॉलेज के पीछे है। यहां तकरीबन 250 से ज्यादा अलग-अलग किस्म के औषधीय पौधें हैं। विद्यार्थियों समेत आम लोगों को इन पौधों से होने वाले उपचार की जानकारी भी मिल रही है। आयुर्वेद चिकित्सा के बारे में लोगों को जागरूक करने के उद्देश्य से तैयार किए गए गार्डन में कई महत्वपूर्ण औषधियां लगाई गई है। हर एक औषधिय पौधों मेंनाम के साथ ही किस बीमारी के लिए कारगार साबित होता है, उसके बारे में भी बताया गया है।
15 से 20 वर्ग फूट में क्यारियां
आयुर्वेदिक कॉलेज के प्रो. डॉ. राजेश सिंह के मुताबिक गार्डन में बड़ी मात्रा में औषधिय पौधे हैं। यह एक मात्र ऐसा गार्डन है जो पूरी तरह से औषधिय युक्त है। 12 एकड़ के गार्डन में सैकड़ों पौधे लगे हैं। हर एक पौधे के लिए 15-20 वर्ग फूट की क्यारियां बनाई गई है। तृकोणिय नुमा इस क्यारी में पौधों की रोजाना देख रेख होती है।
प्रदेश भर से आते हैं
यह प्रदेश का एक मात्र हर्बल गार्डन हैं। डॉ. राजेश सिंह बताते हैं कि प्रदेश भर के विद्यार्थी हर्बल गार्डन देखने आते हैं। यहां उन्हें बहुत सी औषधियों के बारे में जानकारी मिलती है। वे कहते हैं ज्यादातर एमएससी बॉटनी और बीएससी के विद्यार्थी आते हैं। इसके अलावा बहुत से लोग औषधिय गार्डन में आकर अपने-अपने क्षेत्र में औषधिय पौधे लगाते हैं। जो उनके कई बिमारियों के इलाज के लिए काम आता है।
पकने के बाद पाउडर बनाते हैं
आयुर्वेदिक कॉलेज के प्रोफेसर्स की माने तो गार्डन में लगे पौधों का इस्तेमाल उपचार के लिए नहीं किया जाता है। इसे तब तोड़ा जाता है जब वह पूरी तरह से पकने लगता है। फिर उसे पीसकर पाउडर बनाते हैं। इसे महाविद्यालय के विद्यार्थियों को प्रयोग के तौर पर बताया जाता है। वे कहते हैं कि गार्डन का उपयोग लोगों को पौधों के बारे में बताना है ताकि इसे देख कर लोग भी ऐसे ही प्लांट लगाए।
इन बीमारियों का इलाज
गार्डन में लगे पौधों से कई बीमारियों का इलाज किया जा सकता है। इसमें पाइल्स, सिकलिन, कुष्ट रोग, मानसिक रोग, कब्ज, डायबिटिज, बुखार समेत कई बीमारी के इलाज से संबंधित पौधे लगाए हैं, लेकिन गार्डन में लगे पौधों का इस्तेमाल इलाज के तौर पर नहीं किया जाता है। यहां प्रोफेसर्स का मानना है कि औषधिय पौधों बहुत हैं इलाज भी किया जा रहा है, लेकिन हर्बल गार्डन का मकसद लोगों को औषधिय पौधों के बारे जागरूक करना है।
हर्बल गार्डन में लगे सैकड़ो पौधे
गार्डन में सैकड़ो पौधे लगे हैं। इनमें मुख्य रुप से कुटज, दुग्धिका, महानिम, हर्रा, बथुवा भाजी, इंद्रजव, सतावरी, बला, पुनरनवा, सर्पपूंखा, खदिर, भेलवा, मण्डुक पर्णि, ब्राम्ही, वचा, ज्योतिषमति, तृवृत, ज्वरांकुश, लता करंज, चित्रक, करंज और सप्तपर्ण समेत तकरीबन 250 से भी ज्यादा अलग-अलग किस्म की औषधियां हैं।