रायपुर। शहर में सफाई के नाम पर बड़ी गड़बड़ी हो रही है। निगम के हिसाब के मुताबिक 70 वार्डों में करीब 3 हजार 300 सफाई कर्मियों के लिए हर माह ठेकेदारों को 4 करोड़ 25 लाख रुपए का भुगतान किया जा रहा है, लेकिन फिर भी मोहल्लों, बस्तियों, बाजारों, सड़कों पर कूड़ा-करकट फैला हुआ है। नालों की सफाई नहीं होने से बरसात होते ही कई बस्तियों में पानी भर जाता है। इस पूरी अव्यवस्था के पीछे वार्डों में कम सफाईकर्मी लगाकर ज्यादा का पैसा ले लेने का घोटाला है।
ठेकेदार 40-50 कर्मियों की जगह 20-22 कर्मियों से काम करवा रहे हैं और पैसे पूरे कर्मचारियों के ले रहे हैं। इसी घोटाले को रोकने मॉनीटरिंग का नया फार्मूला बनाया गया था। अफसर उसे भी लागू नहीं पा रहे हैं। वार्डों में जितने सफाई कर्मचारियों की ड्यूटी है, वे सभी हाजिर रहें इसके लिए निष्ठा एप लांच किया गया है। ठेकेदारों ने इसका भी तोड़ ढूंढ लिया, कर्मचारियों से अंगूठे तो लगवाए जा रहे हैं, लेकिन उनसे काम नहीं लिया जा रहा है। किसी को देर से आने का हवाला देकर अंगूठा लेने के बाद ड्यूटी पर नहीं लिया जाता तो किसी को नौकरी से निकालने का भय दिखाकर। इतना ही नहीं वार्डों में तैनात निगम के जिम्मेदार अधिकारी भी ठेकेदारों पर कोई दबाव नहीं बना पा रहे हैं। जोन के सफाई अफसर किसी भी ठेकेदार पर न तो कार्रवाई कर पाते हैं और न ही उन पर कोई जुर्माना भी नहीं कर पाते।