मुख्यमंत्री भूपेश बघेल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से किसी व्यक्तिगत लड़ाई से साफ इन्कार करते हैं। साथ ही जोर देकर कहते हैं कि किसान और आदिवासीयों के हित में कहना पड़ेगा। आदिवासीयों को नक्सल बताकर मारेंगे तो बोलना पड़ेगा। यही काम मैं कर रहा हूं। सीएबी को लेकर भी बघेल बेहद आक्रमक हैं कहते हैं कि गृहमंत्री अमित शाह नागरिक संशोधन बिल के बाद एनआरसी लाने की बात कह रहे हैं। छह साल में असम में हुआ वहां आग लगी है। यहां भी क्या अमित शाह आग लगाना चाहते हैं। बहुत से लोग दूसरे प्रदेशों से आए हुए हैं। यह सरकार आग लगाने का काम क्यों कर रही है।
नरवा गरूवा घुरूवा…देश के सामने एक उदाहरण बनेगा
सरकार की महत्वकांक्षी नरवा गरूवा घुरूवा बाड़ी योजना को लेकर सीएम ने कहा कि एक साल में लोग इस स्कीम को समझ गए। लोगों को लगा कि, योजना हमारे लिए है। सरकार गौठान बनाएगी, इसका संचालन, गाय के लिए चारे की व्यवस्था गांव को ही करना है।
गांव के लोगों को गौठान के माध्यम से रोजगार मिलेगा। कई गांव में महिला स्वसहायता समूह इसके जरिये कमाई कर रही हैं। यह केवल नारा नहीं है, यह जिवन का यथार्थ है। गाय को संरक्षित करने से दुर्घटना कम होगी। यह देश के सामने एक उदाहरण बनेगा।
धान को लेकर विपक्ष में इतनी हड़बड़ी क्यों है?
धान के मुद्दे पर मुख्यमंत्री कहते हैं कि पहले भी बोनस तत्काल नहीं मिलता था। पहले की सरकारें बोनस कभी दिवाली में कभी सावन में देती रही हैं। सीएम सवाल करते हैं कि आज विपक्ष को इतनी हड़बड़ी क्यों है। हमने अनुपूरक बजट में ही किसानों के बोनस का बजट रखा है। केंद्र अनुमति देगी तो तत्काल बोनस देना शुरू करेंगे।
राज्य अपने संसाधनों से किसानों को 625 स्र्पये बोनस देना चाहती है। केंद्र किसान हितैषी सरकार नहीं है। विपक्ष को केंद्र से पूछना चाहिए कि, दो साल जब केंद्र ने बोनस देने की अनुमति दी तो अब क्यों नहीं दी जा रही ह? विपक्ष यदि किसान हितैषी नहीं हैं तो केंद्र से सवाल न पूछे?
अफवाह फैला कर किसानों को भड़का रहे
धान खरीदी में आ रही दिक्कतों पर सीएम ने कहा कि समय बीतने पर लोग समस्याएं भूल जाते हैं, पहले भी बारदाने और जगह की समस्या होती थी। इस साल वे नियम बनाकर स्थिति सुधारना चाहते थे, लेकिन विपक्ष ने अफवाह फैलाकर किसानों को भड़का दिया। इसकी वजह से नियमों में बदलाव करना पड़ा। आम किसान को कांग्रेस पर भरोसा है। अंतर की राशि सरकार देकर रहेगी।
काम नहीं करेंगे तो बदलना पड़ेगा
मुख्यमंत्री ने अधिकारीयों के तबादले को जरूरी बताया सीएम ने कहा कि, अधिकारी यदि समय में काम नहीं करेंगे तो बदलना पड़ेगा। हमें अधिकारियों से काम लेने से मतलब है, काम नहीं करेंगे तो उनकी जगह किसी और को अवसर दिया जाएगा। तबादला अधिकारीयों को लिए सजा नहीं है। सीएम ने अपने मंत्रिमंडल के संतोष जताया, कहा कि सभी मंत्रियों का सहयोग मिल रहा है। उन्होने 12 माह में 26 केबिनेट की मीटिंग बुलाकर, घंटो घंटों विषयों पर चर्चा की है।
राम हमारे भांचा
सीएम ने राम के नाम पर कहा कि राम हमारे छत्तीसगढ़ के भांचा (भांजा) हैं। राम हमारी संस्कृति का हिस्सा हैं। धान का पहला हिस्सा हम राम को देते हैं। श्री राम छत्तीसगढ़ से होकर गुजरे, कौशल्या माता छत्तीसगढ़ की रहने वाली हैं। शबरी माता छत्तीसगढ़ की हैं। राम वनगमन मार्ग पर कार्ययोजना बना रहे हैं। कौशल्या माता का भव्य मंदिर छत्तीसगढ़ में बनाया जाएगा।