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पूर्व निदेशक राकेश अस्थाना को घूसकांड मामले में क्लीन चिट देने की तैयारी में सीबीआई…

सीबीआई आइआ के पूर्व निदेशक आलोक वर्मा द्वारा दर्ज की गई एक एफआईआर में पूर्व सीबीआई के विशेष निदेशक राकेश अस्थाना के भ्रष्टाचार के सभी आरोपों से मुक्त होने की संभावना है. इंडियन एक्सप्रेस ने सूत्रों के हवाले से लिखा है कि मामले की सीबीआई जांच अधिकारी (IO) ने अस्थाना को दोषमुक्त करने संबंधी रिपोर्ट तैयार की है और यह रिपोर्ट अपने वरिष्ठों को सौंपी है.

इस मामले में जांच अधिकारी एसपी सतीश डागर हैं, जिन्होंने इस वर्ष अगस्त में व्यक्तिगत कारणों से सीबीआई से स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति का आवेदन किया था, जो अभी प्रक्रियाधीन है. सूत्रों ने कहा कि डागर की रिपोर्ट वर्तमान में एजेंसी के भीतर कानूनी राय लंबित है, जिसके बाद इसे निदेशक ऋषि कुमार शुक्ला को भेजा जाएगा. एक बार जब शुक्ला ने अपनी सहमति दे दी, तो अस्थाना दोषमुक्त करने की रिपोर्ट या आरोपपत्र सक्षम अदालत में दायर की जायगी.

सूत्रों ने कहा कि मामले के अन्य प्रमुख आरोपियों, बिचौलिए मनोज प्रसाद और सोमेश प्रसाद की जांच जारी है. सूत्रों ने कहा कि कथित जबरन वसूली के आरोपों के तहत उनकी दोषी एजेंसी के भीतर चर्चा चल रही है. एजेंसी ने मंगलवार को दिल्ली उच्च न्यायालय के समक्ष एक आवेदन दायर किया और मामले में जांच पूरी करने के लिए और समय मांगा. इससे पहले 30 मई को HC ने CBI को जांच पूरी करने के लिए चार महीने का समय दिया था.

सीबीआई द्वारा 15 अक्टूबर 2018 को दर्ज की गई एक प्राथमिकी, जब वर्मा एजेंसी के निदेशक थे, ने आरोप लगाया था कि मोइन कुरैशी मामले में एक संदिग्ध को प्रसाद भाइयों के माध्यम से 2.95 करोड़ रुपये का भुगतान करने के लिए मजबूर किया गया था. सतीश सना बाबू को सीबीआई ने मामले में गवाह बनाया था.

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