अनादि न्यूज़

सबसे आगे सबसे तेज

विदेश

डोनाल्ड ट्रंप : चीन के पास है बहुत धन, कर्ज देना बंद करे विश्व बैंक…

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने शुक्रवार को विश्व बैंक द्वारा चीन को लगातार लोन दिए जाने पर सवाल उठाते हुए इसे तत्काल बंद करने के लिए कहा। ट्रंप ने सोशल मीडिया पर ट्वीट करते हुए लिखा, “क्यों विश्व बैंक चीन को लगातार लोन दे रहा है? यह कैसे हो रहा है? चीन के पास बहुत पैसा है, अगर नहीं है तो वो उसे उगा सकते हैं। बंद करो”।

बढ़ सकती है दोनों देशों के बीच तनातनी

ट्रंप के इस बयान के बाद दोनों देशों में 18 महीनों से व्यापार युद्ध को लेकर पहले से चल रही तनातनी और बढ़ सकती है। विश्व बैंक पूरे साल चीन को कई सारे कार्यक्रमों को पूरा करने के लिए लोन देता है। विश्व की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था को लोन दिए जाने से गरीब देशों को मिलने वाली वित्तीय सहायता पर असर पड़ता है।

व्यापार युद्ध को लेकर भी अभी दोनों देशों के बीच किसी तरह का फैसला नहीं हुआ है। इसका कब एलान होगा, यह किसी को नहीं पता है। विश्व बैंक में चीनी मामलों के निदेशक मार्टिन रेसर ने कहा कि हम आगे चलकर हर प्रोजेक्ट के लिए लोन नहीं देंगे। अमेरिकी सरकार ने गुरुवार को एक कार्यक्रम का अनुमोदन किया है, जिसके चहत चीन को मिलने वाले लोन में कमी की जा सके।

27 साल के निचले स्तर पर पहुंची विकास दर

पड़ोसी देश चीन की विकास दर 1992 के बाद अपने सबसे निचले स्तर पर पहुंच गई है। तीसरी तिमाही में देश की जीडीपी छह फीसदी रही, जो कि दूसरी तिमाही में 6.2 फीसदी थी। अमेरिका के साथ व्यापार युद्ध चलने और सुस्ती के कारण यह कमी देखने को मिली है।

See also  सच्चाई जानकर उड़ जाएंगे होश, 22 युवकों ने दिया बच्चे को जन्म...

6.5 फीसदी रहने का अनुमान

हालांकि चीन की विकास दर इस साल छह से 6.5 फीसदी रहने का अनुमान है। चीन के राष्ट्रीय सांख्यिकी ब्यूरो द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक देश को आर्थिक मोर्चे पर देश के अंदर ही नहीं ब्लकि विदेश में भी बहुत सारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। लेकिन इन सबके बावजूद लोगों की जीवन स्थिति में सुधार हुआ है।

व्यापार युद्ध से गिरावट

ब्यूरो ने कहा है कि अमेरिका के साथ जारी व्यापार युद्ध के कारण विकास दर में गिरावट देखने को मिली है। 2018 में देश की जीडीपी 6.6 फीसदी थी। चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने अपने अमेरिकी समकक्ष को लिखे एक पत्र में आपसी सम्मान के आधार पर मतभेदों को निपटाने और पारस्परिक लाभ के लिए सहयोग बढ़ाने का अनुरोध किया है। ऐसा इसलिए ताकि चीन-अमेरिकी रिश्तों को सही रास्ते पर लाया जा सके।