नगरीय निकाय चुनावों की तरह अब जिला पंचायत के चुनाव भी दलीय आधार पर होंगेे। इस बार प्रत्याशी कांग्रेस, भाजपा आैर अन्य दलों के चुनाव चिन्ह के साथ मैदान में उतरेंगे। हालांकि ग्राम पंचायत और जनपद पंचायतों में चुनाव अभी की तरह गैरदलीय अाधार पर ही होंगे। सूत्रों के अनुसार राज्य सरकार जल्द ही जिला पंचायत चुनाव के लिए बने नियमों में संशोधन की तैयारी में है। बताया गया है कि प्रदेश में कांग्रेस को निचले स्तर पर मजबूत करने के लिए राज्य सरकार ऐसा करने जा रही है। सोच यह भी है कि इस तरह की चुनाव प्रक्रिया अपनाने से पार्टी को जिला स्तर पर मजबूत नेतृत्व मिलेगा आैर पंचायत स्तर पर भी पार्टी की ताकत बढ़ेगी। अभी तक जिला पंचायतों के चुनाव गैरदलीय आधार पर होते थे।
यानी बड़े राजनीतिक दलों के नेता भी दूसरे-दूसरे चुनाव चिन्हों के साथ चुनाव मैदान में उतरते थे। इसके कारण कई बार किसी दल के नहीं होने के बाद भी चुनाव जीतने के बाद ऐसे नेताओं को अपने साथ मिलाकर अध्यक्ष, उपाध्यक्ष आैर सभापति जैसे पदों पर प्रभावशाली नेता काबिज हो जाते थे। इसमें बड़ी राजनीतिक दलों के नेता समर्थन के अभाव में पीछे रह जाते हैं। लेकिन दलीय आधार पर चुनाव होने पर यह बिल्कुल स्पष्ट रहेगा कि किस दल का प्रत्याशी जीता है आैर किस दल के प्रत्याशी की हार हुई है।
चुनाव जनवरी में संभावित
बताया गया है कि 2015 में जनवरी में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव कराए गए थे। चुनाव के बाद फरवरी में पंचायतों का गठन हुआ था। इसमें अध्यक्ष आैर सरपंच ने विधिवत काम संभाला था। इस बार भी इसी के आसपास पंचायत चुनाव कराए जाने के संकेत मिल रहे हैं।
जिला पंचायत आरक्षण 18 को
त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के लिए पंच, सरपंच, जनपद पंचायत एवं जिला पंचायत के सदस्यों तथा अध्यक्ष पदों के आरक्षण का कार्यक्रम जारी कर दिया गया है। जिला पंचायत अध्यक्षों के लिए आरक्षण 18 नवंबर होगी, जबकि सदस्यों और जनपद पंचायत अध्यक्षों का आरक्षण 23 नवंबर को होगा। इसी तरह जनपद सदस्यों और सरपंचों का आरक्षण ब्लॉक स्तर पर संबंधित क्षेत्र के एसडीएम द्वारा किया जाएगा।
अध्यक्ष चुनाव अप्रत्यक्ष प्रणाली से
जिला पंचायतों में अप्रत्यक्ष प्रणाली से ही अध्यक्ष के चुनाव होते हैं। चूंकि राज्य सरकार ने हाल ही में नगरीय निकायों के साथ ग्राम पंचायतों में भी अध्यक्ष आैर सरपंचों का चुनाव अप्रत्यक्ष प्रणाली से कराए जाने का नियम बनाया है। वहीं निकायों के चुनाव दलीय आधार पर होंगे। इसी को ध्यान में रखते हुए जिला पंचायत के लिए भी ऐसी व्यवस्था बनाई जा रही है। ग्राम पंचायतों के चुनाव पुरानी व्यवस्था के मुताबिक गैरदलीय पद्धति से ही कराए जाएंगे।