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चीन ने अपने नागरिकों को फौरन अफगानिस्तान से निकलने को कहा, तालिबान को बड़ा झटका

China-Afghanistan: चीन ने मंगलवार को अफगानिस्तान में रहने वाले अपने नागरिकों को फौरन देश से बाहर निकलने को कहा है। चीन ने अपने नागरिकों के लिए एक एडवाइजरी जारी करते हुए अपने नागरिकों को कहा है, कि वो फौरन अफगानिस्तान से बाहर निकल जाएं। चीन की ये चेतावनी उस वक्त सामने आई है, जब राजधानी काबुल के बीच में स्थिति चीनी स्वामित्व वाले होटल पर भीषण आतंकवादी हमला हुआ था। चीन ने अपने नागरिकों के लिए चेतावनी जारी करते हुए उन्हें ‘जितनी जल्दी हो सके’ अफगानिस्तान छोड़ने की सलाह दी है।

चीन की अफगानिस्तान में चेतावनी

चीन की ये चेतावनी अफगानिस्तान के तालिबान शासकों के लिए बहुत बड़ा झटका है, क्योंकि तालिबान लगातार चीन से निवेश की उम्मीद में था। पिछले साल अगस्त महीने में अफगानिस्तान पर कब्जा करने वाले तालिबान पिछले काफी वक्त से चीन के मनुहार में लगा था, कि वो अफगानिस्तान में निवेश करे और खनिजों का खनन शुरू करे। लेकिन, सुरक्षा व्यवस्था को लेकर चीन किसी निवेश के लिए तैयार नहीं हो रहा था, जबकि तालिबान तरफ से सुरक्षा की गारंटी दी जा रही थी, जो फेल हो गई है। आतंकवादी संगठन इस्लामिक स्टेट, जो अफगानिस्तान में तालिबान का एक प्रमुख प्रतिद्वंद्वी है, उसने सोमवार दोपहर काबुल में स्थित लोंगान होटल पर हमले की जिम्मेदारी ली थी, जिसमें तीन हमलावर मारे गए और कम से कम दो नागरिक घायल हो गए थे। इस्लामिक स्टेट भी उसी तरह से अफगानिस्तान में हमले कर रहा है, जिस तरह के हमले तालिबान किया करता था।

राजधानी काबुल में हुआ था हमला

हमले के बाद सोशल मीडिया पर पोस्ट की गई तस्वीरों के मुताबिक, काबुल के मध्य में स्थित, शार-ए-नौ इलाके में 10 मंजिला इमारत से धुएं का गुबार उठ रहा था। निवासियों ने विस्फोट और गोलीबारी की सूचना दी थी, जिसके बाद तालिबानी सेना उस इलाके में पहुंच गई और वहां जाने वाली सभी सड़कों को बंद कर दिया गया। काबुल पुलिस प्रमुख के लिए तालिबान द्वारा नियुक्त प्रवक्ता खालिद जादरान ने कहा कि, ये हमला कई घंटों तक चला, जिसके बाद आतंकियों के खिलाफ सफाई अभियान चलाया गया। वहीं, मंगलवार को चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता वांग वेनबिन ने हमले को “प्रकृति में अहंकारी” कहा और बताया कि, इस हमले से चीन को “गहरा सदमा लगा है।”

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चीन ने नागरिकों को वापस बुलाया

काबुल में होटल पर हुए हमले के बाद बीजिंग ने “पूरी तरह से जांच” की मांग की और तालिबान शासकों से “अफगानिस्तान में चीनी नागरिकों, संस्थानों और परियोजनाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए दृढ़ और मजबूत कदम उठाने” का आग्रह किया है। वहीं, चीनी प्रवक्ता वांग ने कहा कि, काबुल में चीनी दूतावास ने हमले के पीड़ितों के बचाव, उपचार और आवास में मदद के लिए अपनी टीम को घटनास्थल पर भेजा। वांग ने कहा कि, “अफगानिस्तान में मौजूदा सुरक्षा स्थिति के मद्देनजर, विदेश मंत्रालय ने एक बार फिर अफगानिस्तान में चीनी नागरिकों और संस्थानों को जल्द से जल्द अफगानिस्तान से बाहर निकलने की सलाह दी है।”

तालिबान से नहीं संभल रहा देश?

अगस्त 2021 में तालिबान ने अफगानिस्तान पर कब्जा कर लिया था और उसके बाद उसने एक अंतरिम सरकार की स्थापना की थी। जिसके बाद अंतर्राष्ट्रीय समुदाय ने इस आतंकवादी संगठन को आधिकारिक मान्यता देने पर रोक लगा दी है, जिन्होंने छठी कक्षा से आगे की लड़कियों के लिए स्कूलों को फिर से खोलने और अल्पसंख्यक अधिकारों की रक्षा करने सहित अधिक उदार मार्ग को आगे बढ़ाने के वादे को तोड़ दिया है। तालिबान सरकार ने हाल ही में यह कहते हुए बयान दिया है, कि वह इस्लामिक कानून और सख्ततम शरिया कानून को लागू कर दिया है। पिछले हफ्तों में ताबिना शासकों ने एक बार फिर से कोड़े मारने की सजा और सार्वजनिक तौर पर फांसी की सजा देना शुरू कर दिया है।