कोरबा। अंकिता हत्याकांड,तनीषा,शिजान को लेकर मामला शांत हुआ भी नहीं है कि देश के कई हिस्सों से ऐसी ही घटनाये सामने आ रही हैं। ताजा मामला छत्तीसगढ़ के कोरबा में से सामने आया है। इस प्रकरण में शाहबाज नाम के एक युवक ने अपनी प्रेमिका की केवल इस वजह से पेचकस से गोद कर हत्या कर दी, क्योंकि वह उससे फोन पर बात नहीं कर रही थी।
मुंह पर रखा तकिया, पेचकस से किये 51 वार
मिली जानकारी के मुताबिक कोरबा शहर के पंप हाउस कालोनी निवासी एक युवती की पेचकस से बुरी तरह गोदकर हत्या करने मामला सामने आया है। हत्या करने वाले ने लड़की के मुह में तकिया रखकर 51 बार पेचकस से वार किया,जिससे वह मरने के समय मुंह से चीख भी नहीं निकाल सकी।
गुजरात से आया शैतान
हत्या इतने साइलेंट तरीके से हुई कि दिनदहाड़े घटना घटना के बाद भी आस पड़ोस के लोगों को भनक नहीं हो सकी। मृतका के भाई के घर लौटने के बाद लोगों को हत्या के बारे में पता चला। मृतका के भाई को शव के पास से एक विमान का टिकट मिला है। इससे संदेह जताया रहा है कि शहबाज खान नामक युवक ने ही गुजरात से दो दिन पहले आकर हत्या की वारदात को अंजाम दिया था।
परिवार ने खोला राज
कोरबा शहर के एसईसीएल की पंप हाउस कालोनी निवासी बुधराम पन्ना अपनी पत्नी फूलजेना, पुत्र नीलेश और 20 साल की पुत्री नीलकुसुम के साथ रहता है। घटना बीते शनिवार की है,जब बुधराम सुबह और उनकी पत्नी फूलजेना काम करने गए हुए थे, जबकि पुत्र नीलेश भी घर से बाहर था,तभी घर पर अकेली लड़की नीलकुसुम की हत्या कर दी गई। परिवार वालों का कहना है कि शहबाज ने फोन करके युवती को धमकी दी थी। युवती शहबाज से बात नहीं करना चाहती थी,इसी बात से क्रोधित होकर शाहबाज ने लड़की को मार डाला होगा।
पोस्टमार्टम से पता चली क्रूरता
नीलेश ने देखा की उसकी 20 साल की बहन नीलकुसुम की पेचकस से गोदकर हत्या की गई है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट से ज्ञात हुआ है कि युवती पर करीब 51 वार पेचकस से वार किया गया है। पुलिस मानकर चल रही है कि आरोपी ने हत्या की घटना को अंजाम देने के लिए तकिया से ;लड़की मुंह को दबा दिया था। जांच में ज्ञात हुआ कि युवती के दिल के पास भी पेचकस का एक बड़ा सुराख़ है।
पुलिस टीम का गठन
पुलिस को अपनी जांच के दौरान पता चला है कि मदनपुर स्थित मिशनरी स्कूल में पढ़ाई के दौरान नीलकुसुम कोरबा और मदनपुर के बीच बस आती जाती थी। आरोपी युवक तीन साल पहले जशपुर से कोरबा के बीच चलने वाली बस का कंडक्टर था। इसी दौरान दोनों की दोस्ती हुई थी। शाहबाज को ढूंढने के लिए पुलिस की अलग-अलग चार टीमों का गठन किया गया है। पुलिस को शव के पास से शाहबाज के नाम से गुजरात की फ्लाइट की टिकट मिली थी।