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कौन थे छत्रपती शिवाजी के बेटे संभाजी राजे, जिन्होंने लड़े 210 युद्ध

Sambhaji Maharaj Rajyabhishek: छत्रपति शिवाजी महाराज के बेटे और मराठा शासकों के वीर योद्धा छत्रपति संभाजी महाराज का आज ही के दिन 16 जनवरी को राज्याभिषेक हुआ था। शिवाजी महाराज के बेटे और उनके उत्तराधिकारी संभाजी महाराज का 16 जनवरी 1681 को विधिवत राज्याभिषेक हुआ था। संभाजी महाराज के राज्याभिषेक की जयंती पर लोग वीरता को नमन कर रहे हैं और श्रद्धांजलि दे रहे हैं। छत्रपती संभाजी राजे मराठा सम्राट और छत्रपती शिवाजी महाराज के उत्तराधिकारी थे। उनका जन्म 14 मई 1657 को हुआ था। छत्रपति शिवाजी महाराज के निधन के बाद संभाजी महाराज का 16 जनवरी 1681 को राज्याभिषेक किया गया था।

कब से कब तक रहा संभाजी महाराज का शासनकाल

संभाजी महाराज ने जब गद्दी संभाली तो उस वक्त मराठों के सबसे प्रबल शत्रु मुगल बादशाह औरंगजेब था। बीजापुर और गोलकुंडा का शासन हिन्दुस्तान से समाप्त करने में संभाजी महाराज की प्रमुख भूमिका रही। संभाजी महाराज अपनी शौर्यता के लिए बहुत प्रसिद्ध थे। संभाजी महाराज का शासन काल 1680 से 1689 तक था।

एक भी जंग नहीं हारे थे संभाजी महाराज

संभाजी महाराज ने अपने कम समय के शासन काल में 210 युद्ध किए। सबसे हैरानी वाली बात ये थी कि उनकी सेना एक भी युद्ध में पराभूत नहीं हुई। संभाजी महाराज के पराक्रम की वजह से परेशान हो कर औरंगजेब ने उन्हें हराने की कसम खाई थी। 11 मार्च 1689 को औरंगजेब ने छत्रपती संभाजी महाराज की बड़ी क्रूरता के साथ हत्या कर दी थी।

बचपन से ही वीर थे संभाजी महाराज

संभाजी महाराज 9 साल की उम्र में अपने पिता शिवाजी के साथ आगरा गए थे। 14 साल की उम्र में संभाजी महाराज ने बुधभूषण, नखशिख, नायिकाभेद और सातशातक यह तीन संस्कृत ग्रंथ लिखे थे। संभाजी का विवाह राजनीतिक गठबंधन की वजह से जीवुबाई से हुआ था। मराठा प्रथा की वजह से उनका नाम येसुबाई रखा गया था। येसुबाई के दो बच्चे थे, बेटी भवानी बाई और फिर शाहू नाम का एक बेटा था। आगे चलकर शाहू मराठा साम्राज्य का छत्रपति बना।

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