पं. रविशंकर शुक्ल विवि के पास स्थित द रेडिएंट वे स्कूल प्रबंधन ने जिला शिक्षा विभाग को संतोषजनक जवाब नहीं दिया। लिहाजा जिला शिक्षा अधिकारी (डीईओ) ने शासन को पत्र लिखकर स्कूल की मान्यता रद्द करने अनुशंसा की है। मामले में बात सामने आई है कि स्कूल प्रबंधन ने नाइट कैंप के लिए पालकों को सूचना दी थी, लेकिन दूसरे दिन सुबह एडवेंचर गेम बिना सूचना के करा दिया। स्कूल प्रबंधन ने शिक्षा विभाग को जवाब में कहा है कि एडवेंचर कंपनी से आयोजन करवाने का अनुबंध था। इसके अलावा सुरक्षा, सूचना समेत अन्य जानकारी पर विभाग को संतोषजनक जवाब नहीं मिलने पर स्कूल प्रबंधन की लापरवाही पाई। इसके बाद तीसरे दिन गुरुवार को स्कूल की मान्यता रद्द करने शासन से अनुशंसा की। हालांकि जिला शिक्षा अधिकारी ने अब अपने पाले से गेंद शासन की झोली में डाल दी है, जो स्कूल की मान्यता रद्द करने का निर्णय लेगा।
इधर पुलिस विभाग की कार्रवाई संदेह के दायरे में है। अब तक किसी की गिरफ्तारी नहीं हुई है। उल्लेखनीय है कि 12 नवंबर को द रेडिएंट वे स्कूल में एडवेंचर गेम के दौरान 11 साल की मासूम कर्तिषा त्रिवेदी 25 फीट की ऊंचाई से गिर गई थी, जिसका इलाज एम्स में चल रहा।
पहले दिन से चला नाटकीयक्रम
12 नवंबर को सुबह तकरीबन 9.30 बजे एडवेंचर गेम के दौरान 25 फीट की ऊंचाई से बच्ची नीचे गिर गई। इसके बाद स्कूल प्रबंधन ने पहले तो बच्ची के उपचार में देरी की। पिता ने खुद बच्ची को एम्स में ले जाकर भर्ती करवाया। घटना के दौरान प्राचार्य मौके पर थीं। न तो जिला शिक्षा विभाग को इस संबद्ध में सूचना दी गई और न ही पुलिस विभाग को। दुर्घटना के बाद मामले को दबाने में लग गए। मामले ने जब तूल पकड़ा तो जिला शिक्षा अधिकारी देर शाम खुद एम्स पहुंचे। इसके बाद पुलिस भी पहुंच गई। परिजनों के कहने के बाद पुलिस ने एफआइआर दर्ज की।
इसके बाद दूसरे दिन 13 नवंबर को सरस्वती नगर थाना प्रभारी ने स्कूल जाकर घटना के संबंध में जानकारी मांगी। अब तक स्कूल प्रबंधन ने पुलिस को कोई जानकारी नहीं दी है। पुलिस ने लिखित में डायरेक्टर, प्राचार्य और एडवेंचर कंपनी के संबंध में जानकारी मांगी है। पुलिस का कहना है कि 14 नवंबर को छुट्टी की वजह से स्कूल की ओर से जानकारी नहीं आई।
स्कूल प्रबंधन देखने तक नहीं पहुंचा बच्ची को
स्कूल प्रबंधन की गंभीरता का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि घटना को तीन दिन बीतने के बाद भी स्कूल प्रबंधन से कोई भी बच्ची को देखने अस्पताल नहीं पहुंचा, जबकि बच्ची उसी स्कूल में पढ़ रही थी।
मान्यता रद्द होने के बाद दूसरे स्कूल में शिफ्ट होंगे बच्चे
अब पालकों के दिमाग में एक सवाल और उठने लगेगा कि अगर स्कूल की मान्यता रद्द की जाती है तो आखिर उनके बच्चों की पढ़ाई का क्या होगा। पालकों को इस बात की चिंता करने की कोई जरूरत नहीं है। शासन अगर स्कूल की मान्यता रदकरता है तो बच्चों को दूसरे स्कूल में शिफ्ट किया जाएगा या फिर स्कूल की कमान शासन अपने हाथों में ले लेगा।
शासन से की अनुशंसा
जिला शिक्षा विभाग ने घटना के संदर्भ में स्कूल प्रबंधन से जवाब मांगा था। इसके बाद स्कूल द्वारा दिया गया जवाब संतोषजनक नहीं रहा। स्कूल की लापरवाही साफ सामने आई है, जिसे देखते हुए शासन से स्कूल की मान्यता रद्द करने का पत्र लिखकर अनुशंसा की गई। – जीआर चंद्राकर, जिला शिक्षा अधिकारी, रायपुर
छुट्टी की वजह से नहीं मिली जानकारी
द रेडिएंट वे स्कूल प्रबंधन से जानकारी मांगी गई है, जिसमें डायरेक्टर का नाम, प्राचार्य और एडवेंचर कंपनी के बारे में लिखित जानकारी पूछी गई है। छुट्टी की वजह से अब तक स्कूल ने जानकारी नहीं दी है। इस वजह से अब तक किसी की गिरफ्तारी नहीं हुई है। – गौतम गावडे, थाना प्रभारी, सरस्वती नगर