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अगर आप बॉयलर चिकन खा रहे हैं तो आपको पता होनी चाहिए ये बातें, जरूर पढ़ें…

ब्रायलर एक प्रकार की पोल्ट्री पक्षी है। यह मुर्गियों खासतोर पर अपने माँस के लिये पाली जाती हैं। 60-70 दिन की अवधि में ही इस मुर्गी के बच्चे का वजन करीब 2 किलोग्राम तक पहुच जाता है।
1) बॉयलर मुर्गियों के कच्चे मांस में कई कीटाणु और बैक्टीरिया होते हैं। इन मुर्गियों को बड़ी संख्या में एक बंद जगह पर रखा जाता है, उठाया और काटा जाता है। इन सभी प्रक्रियाओं के दौरान वे विभिन्न संक्रमणों के उच्च जोखिम में हैं। जब वे बड़ी संख्या में कट जाते हैं और मांस धोया जाता है, तब भी रोगाणु संभव हैं। आप मांस पर इस संक्रमण के प्रभावों को भी महसूस कर सकते हैं।
2) बड़ी संख्या में पक्षियों के काटे जाने पर कुछ अन्य पक्षियों को मुर्गियों के साथ काट दिया जाता है। उस समय, उन पक्षियों में बैक्टीरिया मुर्गियों के शरीर को संक्रमित कर सकते हैं।
3) शरीर की देखरेख में मुर्गियों को रखने, उनकी प्रतिरक्षा प्रणाली को बनाए रखने और रोग के प्रभाव को कम करने के उद्देश्य से एंटीबायोटिक्स को बॉयलर में इंजेक्ट किया जाता है। हालांकि, उनके द्रव्यमान में यह उच्च खुराक कुछ गुण पैदा करता है जो मानव शरीर के लिए हानिकारक हो सकता है।

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